अक्षर



हर अक्षर
कुछ कहता है, 
जीवन पथ पर, 
आदि काल से, 
मानव नित, 
डग भरता है, 
कुछ खट्टे, 
कुछ मीठे, 
अनुभव लेकर, 
आगे ही आगे, 
बढ़ता है, 
हर अक्षर 
कुछ कहता है, 
कुछ भावों के, 
हिस्से रहता है, 
वैसे तो अक्षर, 
भावों को ही, 
धरती के, 
घट-घट में, 
नूतन स्वरूप धर, 
नव झंकार से, 
झंकरित करता है, 
हर अक्षर
कुछ कहता है... 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें